1. दूरदर्शन जन संचार का किस प्रकार का माध्यम है ?



दरदर्शन जनसंचार का सबसे लोकप्रिय व सशक्त माध्यम है। इसमें ध्वनियों के साथसाथ दृश्यों का भी समावेश होता है। इसके लिए समाचार लिखते समय इस बात का
ध्यान रखा जाता है कि शब्द व पर्दे पर दिखने वाले दृश्य में समानता हो।
 

2. भारत में टेलीविजन का आरंभ और विकास किस प्रकार हुआ ?



भारत में टेलीविजन का प्रारंभ 15 सितंबर 1959 को हआ । यूनेस्को की एक शैक्षिक परियोजना के अन्तर्गत दिल्ली के आसपास के एक गाँव में दो टी.वी. सैट लगाए गए, जिन्हें 200 लोगों ने देखा । 1965 के बाद विधिवत टीवी सेवा आरंभ हुई | 1975 तक देश के बड़े-बड़े सात नगरों में दूरदर्शन केन्द्र खुले | 1976 में दूरदर्शन नामक निकाय की स्थापना हुई। बीसवीं सड़ी के अंतिम दशक में निजी चैनलों ने इस क्षेत्र में प्रवेश किया | सी एन ए , बी बी सी, स्टार, डिस्कवरी जैसे चैनलों की शुरुआत हुई | पाश्चात्य संस्कृति के संवाहक के रूपमें एफ टी वी , एम् टी वी , वी टी वी ने भी भारत में पदार्पण किया | समाचार-प्रसारण के क्षेत्र में जी टी वी, स्टार टीवी , जी न्यूज, स्टार न्यूज जैसे स्वतंत्र चैनलों का आरंभ हुआ | 2002 में आज तक चैनल आया | और अब
भारत में 200 से भी अधिक चैनल काम कर रहे हैं

3. टी०वी० खबरों के विभिन्न चरणों के बारे में । दूरदर्शन में कोई भी सूचना निम्न चरणों या सोपानों को पार कर दर्शकों तक पहुँचती है।




(१) फ़्लैश या ब्रेकिंग न्यूज (समाचार को कम-से-कम शब्दों में दर्शकों तक तत्काल - पहुँचाना)

(२) ड्राई एंकर (एंकर द्वारा शब्दों में खबर के विषय में बताया जाता है) (३) फ़ोन इन (एंकर रिपोर्टर से फ़ोन पर बात कर दर्शकों तक सूचनाएँ पहुँचाता है) (४) एंकर-विजुअल(समाचार के साथ-साथ संबंधित दृश्यों को दिखाया जाना) (५) एंकर-बाइट(एंकर का प्रत्यक्षदर्शी या संबंधित व्यक्ति के कथन या बातचीतद्वारा प्रामाणिक खबर प्रस्तुत करना)

(६) लाइव(घटनास्थल से खबर का सीधा प्रसारण) (७) एंकर-पैकेज (इसमें एंकर द्वारा प्रस्तुत सूचनाएँ; संबंधित घटना के दृश्य, बाइट,ग्राफ़िक्स आदि द्वारा व्यवस्थित ढंग से दिखाई जाती हैं)


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